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विजय कुमार मल्होत्रा का निधन: दिल्ली की राजनीति और खेल प्रशासन में एक युग का अंत

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Vijay Kumar Malhotra

पूर्व आईओए अध्यक्ष ने दी विजय कुमार मल्होत्रा को श्रद्धांजलि: “विनम्रता, बुद्धिमत्ता और स्नेही स्वभाव”

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वयोवृद्ध नेता, एक प्रतिष्ठित राजनेता, शिक्षाविद और खेल प्रशासक प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार (30 सितंबर, 2025) की सुबह निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उनका इलाज चल रहा था।

उनके निधन की खबर से राष्ट्रीय और दिल्ली की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

लाहौर में जन्म और जनसंघ तक का सफर

प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर 1931 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के लाहौर शहर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। वह कविराज ख़ज़ान चंद की सात संतानों में से चौथे थे। विभाजन के बाद वह दिल्ली आ गए, जहाँ उन्होंने हंसराज कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के माध्यम से जनसंघ में प्रवेश किया। उनकी पत्नी का नाम कृष्णा मल्होत्रा था।

सत्यनिष्ठा, प्रतिबद्धता और सार्वजनिक कल्याण के प्रति उनके अटूट समर्पण से चिह्नित उनका करियर भारतीय राजनीति में दशकों तक एक मार्गदर्शक रहा।

दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष और सांसद

डॉ. मल्होत्रा दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने वाले प्रमुख नेताओं में से थे।

  • वह जनसंघ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष (1972-75) रहे और बाद में उन्हें दिल्ली भाजपा का पहला अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
  • वह अपने लंबे करियर में पाँच बार सांसद और दो बार दिल्ली विधानसभा के सदस्य (विधायक) रहे।
  • उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि 1999 के लोकसभा चुनाव में आई, जब उन्होंने दक्षिण दिल्ली सीट से तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भारी अंतर से पराजित किया था।

शिक्षा और खेल प्रशासन में दूरदर्शी योगदान

राजनीति के अलावा, डॉ. मल्होत्रा एक प्रमुख शिक्षाविद भी थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और अथक प्रयासों ने भारत में शिक्षा और खेल को बढ़ावा देने में अपार योगदान दिया, जिससे युवा प्रतिभाओं को पोषित होने का मौका मिला।

खेल के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय पद:

  1. वह लंबे समय तक आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAI) के अध्यक्ष रहे।
  2. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर खेल महासंघों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संगठन जनरल एसोसिएशन ऑफ नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस (GANSF) का भी संचालन किया।

भारतीय ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष, नरेंद्र बत्रा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, उन्होंने डॉ. मल्होत्रा की विनम्रता, बुद्धिमत्ता और स्नेही स्वभाव को करीब से देखा। उनका जीवन आने वाली पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बना रहेगा।

प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का निधन दिल्ली की राजनीति और राष्ट्रीय खेल प्रशासन के लिए एक बड़ी क्षति है।

शिक्षाविद और राष्ट्रीय खेल प्रशासक

प्रो. मल्होत्रा का सार्वजनिक जीवन केवल राजनीति तक सीमित नहीं था। वह एक शिक्षाविद भी थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी, और एक सक्रिय राष्ट्रीय खेल प्रशासक के तौर पर भी जाने जाते थे।

खेल के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदानों में शामिल हैं:

  1. वह लंबे समय तक आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAI) के अध्यक्ष रहे।
  2. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर खेल महासंघों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संगठन जनरल एसोसिएशन ऑफ नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस (GANSF) का भी संचालन किया।

प्रो. मल्होत्रा का जीवन सादगी, जनसेवा और संगठन के प्रति अटूट समर्पण का उदाहरण रहा। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका जाना पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

पूर्व आईओए अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने दी विजय कुमार मल्होत्रा को श्रद्धांजलि: “विनम्रता, बुद्धिमत्ता और स्नेही स्वभाव”

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने भाजपा के वयोवृद्ध नेता और खेल प्रशासक प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक प्रतिष्ठित राजनेता, शिक्षाविद् और खेल प्रशासक बताया।

बत्रा ने अपने शोक संदेश में प्रो. मल्होत्रा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को याद किया और कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया।

संदेश के मुख्य अंश:

  • प्रतिष्ठित व्यक्तित्व: बत्रा ने प्रो. मल्होत्रा को “एक प्रतिष्ठित राजनेता, शिक्षाविद् और खेल प्रशासक” के रूप में याद किया, जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया।
  • संसदीय करियर: उनके शानदार संसदीय करियर को सत्यनिष्ठा (Integrity), प्रतिबद्धता और सार्वजनिक कल्याण के प्रति अटूट समर्पण से चिह्नित किया गया।
  • खेल और शिक्षा में योगदान: उन्होंने कहा कि डॉ. मल्होत्रा ने भारत में शिक्षा और खेल को बढ़ावा देने में अपार योगदान दिया। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और अथक प्रयासों ने युवा प्रतिभाओं को पोषित किया और भविष्य की पीढ़ियों के लिए मजबूत नींव रखी।
  • व्यक्तिगत अनुभव: बत्रा ने व्यक्तिगत रूप से उनकी विनम्रता, बुद्धिमत्ता और स्नेही स्वभाव को याद किया, जिसने उनसे बातचीत करने वाले हर व्यक्ति पर गहरी छाप छोड़ी।

उन्होंने कहा कि प्रो. मल्होत्रा की विरासत इन क्षेत्रों में काम करने वाले सभी लोगों के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बनी रहेगी।

नरेंद्र बत्रा ने शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

इसके अतिरिक्त, इंडियन रोप स्किपिंग फेडरेशन की अध्यक्ष वर्षा बावा ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, “वह एक सच्चे खेल प्रशासक थे। उन्होंने राजनीति के साथ-साथ खेलों को भी आगे बढ़ाने का काम किया। रोप स्किपिंग खेल को भी उनका सहयोग मिलता रहा।

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